स्टेशन पे ट्रेन का इंतज़ार करना बहुत ही दुखदायी होता है… अगल बगल की चीजों पे नज़र अनायास चली जाती है… आजकल मै बेरोजगार हूँ , कुछ खरीदने के पहले सौ बार सोचती हूँ, भाई से माँगना अच्छा नहीं लगता ... पर्स में बस कुछ चिल्लर ही पड़े मिलते है…. पर दिल तो बच्चा है जी इसलिए मचलने लगता है की कैसे पैसे खर्च करु। .....................उफ़ इतनी गर्मी है, भैया आइसक्रीम खाओगे? मैंने अपने भाई की तरफ देखते हुए कह। भैया ने सौ का नोट देते हुए कहा- जाओ ले आओ .. मै दौड़ कर आइस क्रीम ले कर आई … चॉकलेट कैरामेल आइसक्रीम, उफ़ कितना टेस्टी है… !!........ तभी सामने एक अधेर उम्र की औरत पे नज़र पड़ गयी , अस्सी की तो होंगी ही, पास जा कर हाथ फैला रही थी ,नज़रे निचे थी, बदन पे साफ़ सुथरे कपडे थे, कोई पैसे दे रहा था , कोई नहीं दे रहा था . ऐसे कितने ही दीखते है,पर उस औरात की झुकी हुयी नज़र ने मुझे हिला दिया, पता नहीं कौन सी मज़बूरी है इनकी, सायद बेटे ने निकाल दिया हो या फिर कोई और बात हो… हाथ में बस चिल्लर थे उस के … इतने में मेरी आइसक्रीम पिघलती जा रही थी, आइसक्रीम खाने का सारा उत्साह कहीं गायब हो गया था .........… जल्दी से अपने पर्स से चिल्लर निकाले मैंने उसके लिए . शायद काफी नहीं थे पर मेरे पास इतने ही थे, वो जैसे ही सामने आयी उसके हाथो पे उढेल दिये मैंने अपने सारे चिल्लर … सायद उसके कोई काम आ जाये .
meri kahani, meri zubaani....
Tuesday 23 July 2013
aatma par kharonch
गुड्डी दौड़ते हुए अपनी बहन सीमा के पास आती है - " दीदी देखो मेरे नाख़ून कितने बड़े हो गए , और मैंने इन्हें धारदार भी बना लिए है। " सुन्दर लग रहे है गुड्डी, इनपे नेल पोलिश लगा ले , सीमा ने अनमने ढंग से आसमान की तरफ देखते हुए कहा ....... नहीं दीदी ये नेल पोलिश लगाने के लिए नहीं है, ये तो मैंने नोचने के लिए बढ़ाये है ताकि अगर कोई मेरे इज़ाज़त के बिना मुझे छूना चाहे तो मै उसे ऐसे नोचु की ज़िन्दगी भर याद रखे ........…। सीमा ने आश्चर्य से अपनी बहन की तरफ देखा , काश!... वो भी ऐसा कर पाती तो शायद उसके आत्मा पर लगे खंरोच आज उसे इतना न सता रहे होते.
sunayna
तुम बड़े थके थके दीखते हो आजकल, क्या बात है?...सुनयना ने डरते डरते राहुल से पूछा ..... नहीं तो ऐसा कुछ भी नहीं है, राहुल ने बड़े ठन्डे शब्दों में जवाब दिया . ...... सुनयना को कल की मिससेस शर्मा की बात याद आ रही है- "आपके पति को हॉस्पिटल में देखा, सब ठीक तो है न? डॉक्टर से कुछ डोनेट करने की बात कह रहे थे " ....... सुनयना के मन के अन्दर बवंडर आया हुआ है, आज वो उस पल को कोस रही है जब उसने राहुल से कहा था- प्यार से पेट नहीं भरता और न ही ज़िन्दगी पेट पे तकिया बाँध कर चल सकती है.
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