गुड्डी दौड़ते हुए अपनी बहन सीमा के पास आती है - " दीदी देखो मेरे नाख़ून कितने बड़े हो गए , और मैंने इन्हें धारदार भी बना लिए है। " सुन्दर लग रहे है गुड्डी, इनपे नेल पोलिश लगा ले , सीमा ने अनमने ढंग से आसमान की तरफ देखते हुए कहा ....... नहीं दीदी ये नेल पोलिश लगाने के लिए नहीं है, ये तो मैंने नोचने के लिए बढ़ाये है ताकि अगर कोई मेरे इज़ाज़त के बिना मुझे छूना चाहे तो मै उसे ऐसे नोचु की ज़िन्दगी भर याद रखे ........…। सीमा ने आश्चर्य से अपनी बहन की तरफ देखा , काश!... वो भी ऐसा कर पाती तो शायद उसके आत्मा पर लगे खंरोच आज उसे इतना न सता रहे होते.
Khub bhalo
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